केवल सकारात्मक सोच भी घातक है

September 6, 2018 by Dr. Abrar Multani
Slide1-new-1024x392.png

आप एक कार चला रहे हैं। आप उसे तेज़ (100 से 120 की स्पीड में) चलाना चाहते हैं एक चिकने और बेहतरीन हाईवे पर। इस चाल तक आप आसानी से और सुरक्षित कार चला सकें इसके लिए आपके लिए सबसे ज़रूरी चीज़ क्या है? एक्सीलरेटर या ब्रेक? आप रुकिए और थोडासा ध्यान लगाकर सोचिए। क्या आपने सोचा? आपको क्या लगा? यहीं ना कि अगर ब्रेक कार में हो ही ना तो आप उसे 10 की स्पीड में भी चलाने में डरेंगे। ब्रेक सही हुए तो फिर आपको रफ़्तार से डर नहीं लगेगा। बेफिक्री वाली तेज़ रफ़्तार के लिए ब्रेक होना ज़रूरी है। यहाँ ब्रेक रफ्तार के लिए नकारात्मक या नेगेटिव भाव दे रहा है। लग रहा है कि यह तो रफ्तार का दुश्मन है, रफ्तार को रोकने वाला है, रफ्तार का विपरीत है— यह ब्रेक शब्द। लेकिन गौर किया जाए तो इसके बिना रफ्तार जानलेवा साबित हो सकती है।

मेरे पास गांव के एक बुजुर्ग रोगी आए। उन्हें घुटनों की समस्या थी। साथ में उनकी पत्नी और एक बेटा था। मैंने प्रेस्किप्शन लिखते हुए ऐसे ही पूछ लिया कि, “आप करते क्या हैं?” उन्होंने जवाब दिया कि, “करना तो बहुत चाहता था साहब लेकिन दुनिया ने मेरे हुनर की कद्र नहीं की। मेरे अंदर इस कदर हुनर भरा हुआ है कि क्या बताऊँ।” मैंने पूछा, “जैसे?” उन्होंने कहा कि, “अगर मुझे कोई सिर्फ एक टन लोहा लाकर देदे तो मैं उसका ट्रैक्टर बना दूँ। मैंने कई बार इन दोनों (पत्नी और बेटा) से कहा कि मुझे देदो लोहा, लेकिन ये कमबख्त लाकर ही नहीं दे रहे।” मैं हँसते हँसते कुर्सी पर ही ढेर हो गया। वे यह देखकर नाराज़ हुए होंगे शायद लेकिन मुझे जानने वाले जानते हैं कि हँसी रोकने की मेरी क्षमता बहुत ही नगण्य है। चलो हम फिर मुद्दे पर आते हैं। तो प्रिय पाठकों में यह कहना चाहता था कि इस केस में रोगी बेइंतहा सकारात्मक है लेकिन यह सकारात्मकता किसी काम की नहीं है। क्योंकि वह व्यक्ति अपनी क्षमता और वास्तविकता से अंजान है। उसकी सकारात्मकता उसे किसी लक्ष्य तक लेकर नहीं जा पाएगी उल्टा वह अपना नुक़सान कर बैठेगा और हँसी का पात्र बनेगा।

यदि आप केवल सकारात्मक सोचते हैं तो भी आप उतने ही गलत है जितने की केवल और केवल नकारात्मक सोचने वाला। आप सकारात्मक सोच के साथ परिणाम और क्षमताओं को ध्यान में रखकर कोई राय बनाते हैं या निर्णय लेते हैं तो आप एक समझदार इंसान हैं। यही सफलता के लिए आवश्यक है और यही सफल लोगों का गुण होता है। सकारात्मक सोच रखें लेकिन समझदारी के साथ। सकारात्मक सोच एक्सीलरेटर है तो समझदारी ब्रेक।

medicare-logo-white

Sed magna nulla, pulvinar vel ante vel, fringilla vulputate nibh. In placerat facilisis tincidunt. Integer quis erat dictum, placerat massa non, bibendum ante. Duis aliquet tellus magna, quis egestas enim vulputate sed. Phasellus in dui malesuada, lacinia urna sed.