6 Tips के साथ खुद को बनायें सेहतमंद, ये है Benefits
सेहत सबसे बड़ी नेमत है। इसके बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते। हाँ, हम डॉक्टर बिना सेहत के अपने रोगियों का इलाज भी नहीं कर सकते। मेरा मानना है कि ऐसा कहना गलत है कि सेहत ही दौलत है, जबकि सत्य यह है कि सेहत दौलत से कहीं बढ़कर है। हमारी सेहत ही हमारा जीवन है। इससे बढ़कर कोई मित्र और कोई रिश्तेदार नही। यह हमारा जीवन आनंद से भर देती है और इसके बिना जीवन से आनन्द और सुख चला जाता है। मैं अपनी सेहत के लिए निम्न बातों का ख्याल रखता हूँ।
सही पोश्चर
रीढ़ का महत्व मैंने आपको पहले ही बताया है। अगर हमारा पॉश्चर गलत होगा तो हमारी स्पाइनल कॉर्ड और दूसरी नर्व कंप्रेस होगी और हम कमज़ोर, बीमार और दर्द की दुकान बन जाएंगे। मैं रोज़ाना क्लीनिक पर 6 से 8 घंटे बैठता हूँ, किताब और आर्टिकल लिखने के लिए और किताबें पढ़ने के लिए भी मुझे 2 से 3 घंटे बैठना पड़ता है। अगर मैं सही पोश्चर में नही बैठूं तो बहुत जल्द सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस, कमर दर्द आदि से पीड़ित हो जाऊंगा। टेबल और कुर्सी का सही अनुपात और गर्दन तथा कमर को न झुकाना यह दो मेरे बैठने और खड़े रहने के नियम है।
सही और समय पर खाना-पीना
भोजन सही और समय पर करता हूँ। बार बार नहीं खाता। एक निश्चित समय पर ही भोजन करता हूँ। खाते वक़्त ध्यान रखता हूँ कि कोई हानिकारक चीज पेट में न जाए। रिफाइंड शुगर, रिफाइंड ऑइल, रिफाइंड नमक और रिफाइंड आटे से दूर रहता हूँ। रिफाइंड शक्कर भी केवल दिनभर में 3 चम्मच (चाय वगैरह में) लेता हूँ। ऑर्गेनिक खाद्यपदार्थ को प्राथमिकता देता हूँ। फ्रीज़ का ठंडा पानी नहीं पीता। जंकफूड और व्यसनों से कोसो दूर रहता हूँ।
8 घंटे की नींद
रात में 8 घंटे सोता हूँ क्योंकि मुझे पता है कि नींद भोजन से ज्यादा आवश्यक है जीवित और स्वस्थ रहने के लिए। सोते समय पानी पीकर सोता हूँ। नरम गद्दे और ऊंचे तकिये पर नहीं सोता। हवा अच्छे से आए और जाए इसलिए खिड़की और एग्जॉस्ट फैन को खोलकर सोता हूँ।
सकारात्मक सोच
मैं जानता हूँ कि सेहत और जीवन में आनंद सकारात्मक सोच के बिना पाए ही नहीं जा सकते। नकारात्मक लोगों से दूर रहता हूँ। नकारात्मक टिप्पणियों को नज़रंदाज़ करता हूँ। किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता। पांच वक़्त की नमाज़ अदा करता हूँ जिससे ईश्वर की आस्था मुझे सुकून से भर देती है। मुझे शक्ति मिलती है और मैं भविष्य को लेकर निश्चिंत हो जाता हूँ। प्रकृति को निहारता हूँ। किसी से घृणा और नफरत नहीं करता। सबसे प्रेम और दया का भाव मुझे जीवन का परमानंद प्रदान करती हैं।